यह सवाल राजस्थान (RPSC) असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा 10 दिसंबर 2025 को इतिहास के द्वितीय पेपर में पूंछा गया था।
इसके चार विकल्प इस प्रकार थे।
- द्वारकाधीश मन्दिर, उदयपुर
- चतुर्मुख आदिनाथ मंदिर, रणकपुर
- संचिया माता मन्दिर, ओसियां
- उमा-माहेश्वर मन्दिर, जैसलमेर
- अनुत्तरित प्रश्न
इसका सही उत्तर (2) चतुर्मुख आदिनाथ मंदिर, रणकपुर है।
रणकपुर का आदिनाथ मंदिर पाली
- रणकपुर के जैन, वैष्णव और शैव मंदिर मेवाड़ महाराणा कुम्भा के शासनकाल में बनाए गए थे।
- इन मंदिरों में सबसे विशाल और सबसे सुंदर चौमुखा आदिनाथ मंदिर है जिसमें कुल 24 मंडप, 84 शिखर, 144 स्तंभ है इसलिए इसे खंभों का अजायबघर भी कहा जाता है। इसमें किसी भी स्तंभ का अलंकरण दूसरे स्तंभ से समानता नहीं रखता ये इसकी खास पहचान है।
- ऊंची जागती, तोरणद्वार, सभामंडप, गर्भगृह, देवकुलिकाएं, विभिन्न मुद्राओं में उत्कीर्ण नृत्यांगनाएं आदि सभी विशेषताएं इस मंदिर में मौजूद है।
- भारतीय शिल्प का अनूठा उदाहरण रणकपुर जैन मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला और जैन संस्कृति के आध्यात्मिक वैभव के साथ सुशोभित है। इसके लिए प्राचीन जैन ग्रंथों में 'नलिनी गुल्म' नामक देव विमान का उल्लेख मिलता है।
- संवत 1446 के प्रसिद्ध शिल्प विशेषज्ञ देपाक (देपा) के निर्देशन में मंदिर निर्माण का शुभारंभ कर दिया गया।
- मेवाड़ के महाराणा कुम्भा ने मंदिर के लिए भूखंड दान दिया और वहां एक नगर भी बसा दिया और उसी परिक्षेत्र में एक सूर्यमंदिर का निर्माण करवाया और एक मंदिर मथाई नदी के किनारे पर बनाया।
- इस मंदिर के मूल गर्भगृह में भगवान आदिनाथ की भव्य प्रतिमा है जो 5 फुट की है और ऐसी कुल 4 प्रतिमाएं चारों दिशाओं में स्थापित है। इसी कारण इस मंदिर का नाम चतुर्मुख जिनपप्रासाद है।
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