बनेड़ा का किला राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की बनेड़ा नामक तहसील/कस्बे में स्थित है जो पहले मेवाड़ का एक महत्वपूर्ण ठिकाना था।
बनेड़ा का किला का निर्माण कब और किसने करवाया?
बनेड़ा के किले का निर्माण राणा कुम्भा ने 15वीं शताब्दी में करवाया था।
लेकिन राणा कुम्भा द्वारा बनाया गया बनेड़ा का किला अब जीर्ण हालत में है जिसके अब कुछ अवशेष आप बनेड़ा के दक्षिण में देख सकते है।
वर्तमान में जो किला है उसको बनेड़ा जागीरदार सरदार सिंह ने जोधपुर के राजा अभय सिंह राठौर की सलाह पर बनवाया।
अब जो बनेड़ा किला है इसका निर्माण 1730 से 1735 के बीच कराया गया यह दुर्ग जोधपुर के मेहरानगढ़ दुर्ग की शैली पर आधारित है क्योंकि वहां से कई कारीगर यहां आए थे।
किले के अंदर क्या क्या बना हुआ है
यह किला बनेड़ा में एक पहाड़ी पर बना हुआ है जिसके चारों और परकोटा/प्राचीर है जिसके बीच बीच में सैन्य महत्व के लिए बुर्ज बनाए गए है और प्राचीर हिस्से में में कंगूरे लगे है।
दुर्ग में प्रवेश करने के लिए दो दरवाजे है पहला सिहालगढ़ दरवाजा और दूसरा भाला दरवाजा जिनसे प्रवेश करने के बाद आप परिसर में पहुंच जाएंगे।
किले में आपको मरदाना महल, जनाना महल, कंवरपदा महल, शीश महल, मित्र निवास और सरदार निवास नाम के महल देखने को मिलेंगे।
महाराजधिराज सरदार सिंह की पत्नी रानी नरूकी ने दुर्ग परिसर में ही एक बावड़ी और मंदिर का निर्माण करवाया था जो देखने लायक है।
सांगा ने श्रीनगर के जागीरदार को की दिया किला
महाराणा संग्राम सिंह (सांगा) ने अपने शासनकाल में बनेड़ा के किले को श्रीनगर के जागीरदार कर्मचंद पंवार को दे दिया था।
कहा जाता है कि जब सांगा के भाई पृथ्वीराज ने सांगा को मारना चाहा तब सांगा ने कर्मचंद पंवार के यहां शरण ली थी इसी से खुश होकर सांगा ने बाद में उनकी यह किला दिया।
औरंगजेब ने यह किला भीम सिंह को दिया
औरंगजेब के शासनकाल 1681 ईस्वी में यह किला उसके आधिपत्य में आता था जिस कारण उसने यह किला राज सिंह के पुत्र भीमसिंह को दिया था।
भीम सिंह ने ही बनेड़ा रियासत की स्थापना की थी और आजतक यह रियासत सिसोदिया राजवंश के राणावत बांस के पास है।
वर्तमान में यहां के राजा ठाकुर साहब राजाधिराज गोपाल चरण सिंह है जिनका विवाह 11 फरवरी 2005 को विजयलक्ष्मी कुमारी राठौर से हुआ था जो अलनियावास ठिकाने से आती है।
शाहपुरा शासक का बनेड़ा किले पर कब्जा
1758 ईस्वी में शाहपुरा के शासक उम्मेद सिंह ने सरदार सिंह को दुर्ग से निकाल दिया और अपना आधिपत्य दुर्ग पर कर लिया।
उसके बाद बनेड़ा ठाकुर राज सिंह द्वितीय न पास सैनिक सहायता के लिए गए और मेवाड़ महाराणा राज सिंह द्वितीय से उन्हें सैनिक सहायता मिली।
महाराणा ने अपनी सेनाएं भेजी और 13 दिन तक चली सैन्य करवाई के बाद दुर्ग वापस अपने कब्जे में ले लिया।