आप सभी ने राजस्थान राज्य के अलवर जिले के फेमस मत्स्य उत्सव के बारे में तो सुना ही होगा लेकिन उसके बारे में आज हम सब कुछ जानने वाले है तो लेख को पूरा जरूर पढ़ना।
मत्स्य महोत्सव 2024 कब है, यह कैसे मनाया जाता है, इस बार क्या क्या कार्यक्रम होंगे, कौन कौन और कैसे इन कार्यक्रमों में भाग ले सकता है सब कुछ हम इसमें जानेंगे।
राजस्थान अलवर मत्स्य महोत्सव 2024 |
मत्स्य महोत्सव 2024 कब है?
मत्स्य महोत्सव राजस्थान के अलवर जिले में हर वर्ष सर्दियों की शुरुआत में नवंबर महीने में मनाया जाता है।
इस वर्ष मत्स्य महोत्सव 25 और 26 नवंबर 2024 को दो दिन का आयोजित किया जाएगा।
मत्स्य महोत्सव कैसे मनाया जाता है?
मत्स्य महोत्सव राजस्थान के मत्स्य प्रदेश अलवर की कला, संस्कृति, विरासत, लोक संगीत और नृत्य को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।
मत्स्य महोत्सव में इस बार क्या क्या कार्यक्रम होंगे?
मत्स्य महोत्सव कार्यक्रम में तरह तरह की गतिविधियों को शामिल किया जाता है जैसे -
- श्री जगन्नाथ मंदिर की महाआरती
- हिना और रंगोली प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है
- कवि रचना प्रदर्शन
- अलवर ऑन व्हील (एक साइक्लिंग इवेंट)
- पारंपरिक खेल
- सिलीसेढ़ झील पर सांस्कृतिक कार्यक्रम
- रात्रि में नृत्य कला का प्रदर्शन
हम इन कार्यक्रमों में कैसे भाग ले सकते है?
आप सभी प्रतिभागी वहां जाकर अपना नाम कार्यक्रम आयोजित करवाने वालों को जमा करवा सकते है जिससे आपको कलात्मक कार्यक्रम में भाग और अपनी कला दिखने का मौका मिल सके।
मत्स्य महोत्सव को राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित करवाया जाता है।
मत्स्य महोत्सव का इतिहास भी जान लेते है?
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु ने प्रथम मनुष्य मनु को बाढ़ से बचाने के लिए मत्स्य अवतार धारण किया था।
इसके बाद वैदिक काल में इंडो आर्यन जनजातियों में से एक ने इस इलाके जो यमुना नदी के पश्चिम में और कुरु के दक्षिण में था अपना अधिकार कर लिया।
इस क्षेत्र को मत्स्य महाजनपद कहा जानें लगा जहां अलवर, भरतपुर और जयपुर का क्षेत्र आता है और यहां की राजधानी विराटनगर थी जिसे अब बैराठ कहा जाता है जो यहां के उस समय के राजा विराट के नाम पर पड़ी।