अजमेर के चौहान वंश के शासक गोविंद तृतीय को जयानक नामक लेखक ने अपनी पुस्तक 'पृथ्वीराज विजय' में वैरीघट्ट की उपाधि दी है।
बैरीघट्ट का अर्थ होता है दुश्मनों को मारने वाला उसमें बैरी का अर्थ दुश्मन और घट्ट का अर्थ मारने वाला होता है।
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