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कृपाल सिंह शेखावत का जीवन परिचय जिन्हें ब्लू पॉटरी के लिए मिला पद्मश्री

शिल्पगुरु कृपाल सिंह शेखावत का जन्म सीकर जिले के मऊ ग्राम में 1922 ई. में हुआ यह राजस्थान के जयपुर नील मृदभांड पर चित्रांकनों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई और इस कला को पुनर्जीवित किया इसलिए इन्हें ब्लू पॉटरी का जनक भी कहा जाता है। इस कला को पुनर्जीवित करने के लिए इन्हें कमलादेवी चट्टोपाध्याय और राजमाता गायत्री देवी का संरक्षण प्राप्त हुआ। 

इनको ब्लू पॉटरी कला का जादूगर कहा जाता है तो इन्होंने 25 रंगों का प्रयोग कर एक नई शैली बनाई जिसे कृपाल शैली कहा गया। 

कृपाल सिंह शेखावत
कृपाल सिंह शेखावत 

कृपाल कुंभ - मिट्टी के बर्तनों का स्टूडियो और कृपाल सिंह का परिवार 

कृपाल सिंह शेखावत ने मिट्टी के बर्तनों का स्टूडियो जिसका नाम कृपाल कुंभ रखा उसकी स्थापना 1960 के दशक में की यह वर्तमान में चल रहा है जिसे इनकी पत्नी सज्जन कंवर चलाती है अगर उनकी तीनों बेटियां मीनाक्षी, हिमानी और कुमुद राठौर इसमें सहयोग प्रदान करती है। 

कृपाल सिंह शेखावत की शिक्षा 

इन्होंने शुरुआत लखनऊ स्कूल ऑफ आर्ट्स से की और बाद में शिक्षा के लिए शांति निकेतन कला संस्थान आ गए और आर्ट्स में डिप्लोमा किया। फिर टोक्यो विश्वविद्यालय से ओरिएंटल आर्ट में डिप्लोमा हासिल किया।

शांति निकेतन से पढ़कर इन्होंने भारतीय कला परंपरा को बारीकी से सिखा और उसके बाद टोक्यो विश्वविद्यालय से इन्होंने जापानी चित्रकला में प्रयोग किए जाने वाले प्राकृतिक रंगों, स्याहियों व कागज से जुड़ी तकनीकी जानकारियों को समझा। 

कृपाल सिंह शेखावत का प्रसिद्ध कार्य 

स्वतंत्र भारत के संविधान की मूल प्रति जिसे कला गुरू नन्दलाल बोस के ने तैयार करवाया उसमें कृपाल सिंह शेखावत ने भी कलात्मक कार्य किया। 

शांति निकेतन के हिंदी भवन में रामायण पर आधारित चित्र, जयपुर रेलवे स्टेशन पर गणगौर मेले का चित्रण और दिल्ली के बिड़ला हाउस में गांधीजी के जीवन के चित्र इन्होंने ही बनाए है। 

इसके बाद इन्होंने जयपुर में स्थित सवाई रामसिंह कला मंदिर के निदेशक के पद पर कार्यभार संभाला और वहां छात्रों को चित्रकला और ब्लू पॉटरी की शिक्षा दी। 

इनको मिले सम्मान और पुरस्कार 

कला क्षेत्र में कृपाल सिंह शेखावत के योगदान को देखते हुए इन्हें भारत सरकार ने 1974 ई. में पद्म श्री, 1980 में कलाविद् और वर्ष 2002 में शिल्प गुरु की उपाधि दी। 

कृपाल सिंह शेखावत द्वारा बनाए गए प्रसिद्ध चित्र 

  • मैरिज ऑफ पाबूजी राठौड़ 
  • डेफोडिल्स 
  • प्रतीक्षारत कृष्ण 
  • मीरा का जन्म

मृत्यु

कृपाल सिंह शेखावत की मृत्यु 15 फरवरी 2008 को जयपुर में हुई। 

कृपाल सिंह शेखावत के बारे में पूंछे जानें वाले प्रश्न 

राजस्थान की धरती का चितेरा किसे कहा जाता है? 

राजस्थान की धरती का चितेरा कृपाल सिंह शेखावत को कहा जाता है। 

कृपाल सिंह शेखावत के प्रारंभिक शैक्षणिक गुरु का नाम क्या था? 

कृपाल सिंह शेखावत के प्रारंभिक शैक्षणिक गुरु का नाम भुर सिंह शेखावत था। 

कृपाल सिंह शेखावत का संबंध किस कला से है? 

कृपाल सिंह शेखावत का संबंध ब्लू पॉटरी कला से है। 

राजस्थान के कृपाल सिंह शेखावत को किस क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 1974 में पद्मश्री पुरस्कार मिला है?

इनको ब्लू पॉटरी के लिए 1974 में पद्म श्री पुरस्कार दिया गया। 

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